Depression in Astrology: How Planetary Positions Impact Mental Well-being

Depression in Astrology: How Planetary Positions Impact Mental Well-being

Why the Northeast (Ishanya) Corner is Sacred in Vastu

View:240

Why the Northeast (Ishanya) Corner is Sacred in Vastu

In Vastu Shastra, every direction has meaning. But the Northeast corner, also called Ishanya, is the most sacred of all. It holds deep spiritual and natural power.

Life Path Number 1 Meaning: Traits, Challenges & How to Succeed

View:184

Life Path Number 1 Meaning: Traits, Challenges & How to Succeed

Life Path Number 1 is the number of strength, courage and new beginning. Want to know if you are born to be a leader? Then this is your number. You do not wait, you act.

7 Surprising Benefits of Letting Someone Else Read Your Tarot Cards

View:435

7 Surprising Benefits of Letting Someone Else Read Your Tarot Cards

Tarot is a powerful tool. It helps people understand life, feelings, and choices. Many people read cards for themselves. That’s a good thing.

Articles

Read Articles in English
astrology-articles

View:15143

विवाह के लिए विशेष महत्वपूर्ण हैं गुरु, शुक्र एवं मंगल

हमारे शास्त्रों में 16 संस्कार बताये गये हैं जिनमें विवाह सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है। हमारे समाज में जीवन को सुचारू रूप से चलाने एवं वंश को आगे बढ़ाने के लिए विवाह करना आवश्यक माना गया है। जब हम कुंडली में विवाह का विचार करते हैं तो उसके लिए नौ ग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रह गुरु, शुक्र और मंगल का विश्लेषण करते हैं। इन तीनों ग्रहों का विवाह में विशेष भूमिका होती है। यदि किसी का विवाह नहीं हो रहा है या दांपत्य जीवन ठीक नहीं चल रहा है तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि उसकी कुंडली में गुरु, शुक्र और मंगल की स्थिति ठीक नहीं हैं।

astrology-articles

View:14741

विवाह बाधा योग एवं समाधान

विवाह बंधन एक ऐसा मधुर बंधन है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति बंधना चाहता है। किंतु ऐसा नहीं है कि हर एक को विवाह से खुशियां प्राप्त हो ही जाए। हम अपने जीवन में आए दिन देखते हैं कि विवाह के बंधन में बंधे हुए अनेक व्यक्ति इतनी जोर से छटपटा रहे होते हैं कि चाहते हैं कि अभी यह बंधन टूटे और जंजाल से जान छूटे और वे आजाद हो जाएं।

astrology-articles

View:7291

विवाह में खलनायक मांगलिक दोष

जातक की कुंडली में मंगल ग्रह की लग्न, चंद्रमा तथा शुक्र से विषेष भावों में उपस्थिति कुंडली में मांगलिक दोष उत्पन्न करती है। जिन जातकों की कुंडली में मंगल दोष होता है उनके विवाह के पष्चात् पति या पत्नी को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिसके कारण वैवाहिक सुख में कमी हो सकती है, विवाह में विलंब हो सकता है अथवा किसी एक की आयु की हानि भी हो सकती है । कन्या का वैधव्य योग भी इससे देखा जाता है। इसी कारण मंगल दोष को वैवाहिक जीवन के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

astrology-articles

View:5773

विवाह में मंगल दोष

जन्मकुंडली में स्थित मंगल वैवाहिक संबंधों को बहुत प्रभावित करता है इसलिए कुंडली मिलान के समय मंगल दोष पर विशेष रूप से विचार किया जाता है। मंगली कन्या के लिए मंगली वर और मंगली वर के लिए मंगली कन्या ढूंढते-ढूंढते कई बार विवाह की उम्र भी पार हो जाती है। इस आलेख में विभिन्न भावों में मंगल के प्रभाव एवं उसके दोष परिहार की जानकारी दी जा रही है...

astrology-articles

View:15576

विवाह में विलंब के कारण

ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से विवाह में विलम्ब होने के प्रमुख कारण हैं जन्म कुण्डली के सप्तम भाव में अशुभ, अकारक एवं क्रूर ग्रहों का स्थित होना तथा सप्तमेश एवं उसके कारक ग्रह बृहस्पति/ शुक्र एवं भाग्येश का निर्बल होना । यदि पृथकतावादी ग्रह सूर्य, शनि, राहु, केतु सप्तम भाव को प्रभावित करते हैं तो विवाह में विलम्ब के साथ-साथ वैवाहिक जीवन में कलह, तनाव, अलगाव, संबंध विच्छेद जैसी अनेक परेशानियां उत्पन्न होती हैं ।

astrology-articles

View:8038

विवाह में विलम्ब

विवाह हमारे जीवन प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण अंग है। विवाह संस्कार के बिना इंसान का जीवन हमारे शास्त्रों के अनुसार अधूरा है। विवाह के साथ ही स्त्री पुरुष मिलकर सृष्टि को आगे बढ़ने के लिए क्रियान्वित करते हैं। किंतु आज के इस औद्योगिक युग में लड़के-लड़कियां इस विवाह संस्कार को इतना महत्व नहीं देते व अपने करियर के प्रति ज्यादा चिंतित रहते हैं जिस वजह से विवाह में विलंब करते रहते हैं और फिर एक समय अवधि के बाद विवाह करना चाहते हैं

astrology-articles

View:13847

विवाह मेलापक में प्रमुख दोष

विवाह का शुभ मुहूर्त निकालने के लिए किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए क्या-क्या वर्जित है और विहित है ? अशुभ समय में किए गए कार्यों के कठिन परिणाम एवं अभिजित और गोधूलि लग्न की विशेषताओं का मुहूर्त में महत्व जानिए इस लेख द्वारा

astrology-articles

View:8152

विवाह मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण संस्कार है

विवाह संस्कार में बंधने से पूर्व वर एवं कन्या के जन्म नामानुसार गुण मिलान करने की परिपाटी है। गुण मिलान नहीं होने पर सर्वगुण सम्पन्न कन्या भी अच्छी जीवनसाथी सिद्ध नहीं होगी। गुण मिलाने हेतु मुख्य रुप से अष्टकूटों का मिलान किया जाता है।

astrology-articles

View:15102

विवाह रेखा

पूरे शरीर में हृदय एक विचित्र सा अवयव है। एक तरफ यह पूरे शरीर को खून पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य करता है, तो दूसरी तरफ यह अपने आप में इतनी सूक्ष्म और कोमल कल्पनाएं रखता है कि जिसको समझना किसी के बूते की बात नहीं है। यह कोमल इतना होता है कि छोटी सी बात से भी इसको इतनी अधिक ठेस लगती है कि यह बिल्लारी कांच की तरह टूटकर चूर-चूर हो जाता है। यह एक प्रतीक है अनुभूतियों का, सुंदर स्वप्न है मानीवय कल्पनाओं का और कोष है सद्भावना, करूणा, ममत्व, सहानुभूति और स्नेह का।

astrology-articles

View:6448

विवाह रेखा एवं उसके फल

विवाह तय करते समय जन्मपत्री मिलान के अतिरिक्त हस्त रेखाओं का अध्ययन भी सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि जन्मपत्री जन्म समय का ठीक ठीक पता नहीं होने से गलत हो सकती है परंतु हस्त रेखा सही होती है। विवाह रेखा के अलावा भाग्य, आयु, हृदय और मस्तिष्क रेखाओं का गहन अध्ययन आवश्यक है।

astrology-articles

View:7844

विवाह विलंब का महत्वपूर्ण कारक शनि

आज विवाह देर से करने का प्रचलन सा चल पड़ा है लेकिन कई बार लगातार प्रयास करने के बाद भी विवाह तय नहीं हो पाता। कहीं विवाह में बाधा होने का मुख्य कारण जन्मकुंडली में शनि की स्थिति तो नहीं, जानने के लिए पढ़िए यह आलेख...

astrology-articles

View:11701

विवाह सुख में बाधा दर्शाने वाले योग और लाल किताब द्वारा उनके उपाय

विवाह होकर भी कई बार दंपतियों को वैवाहिक सुख नहीं मिल पाता। इसके मूल में कई ऐसी बातें हैं जिनकी ओर किसी का ध्यान नहीं जाता। छोटे-छोटे सरल उपायों द्वारा वैवाहिक जीवन को सुखी बनाया जा सकता है। क्या हैं वैवाहिक सुख की बाधाएं और उनके उपाय, आइए जानें...