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किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्यू देते हैं.
By: AIFAS
19-Aug-2025
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क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.
12-Aug-2025
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People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.
30-Jul-2025
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अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? यह प्रश्न बारंबार बुद्धिजीवी पाठकों के मन को कचोटता है। धर्मग्रंथों को उद्धृत करके‘ ‘बाबावाक्य प्रमाणम्’ कहने का युग अब समाप्त हो गया है। धार्मिक मान्यताओं पर सम्यक् चिंतन करना आज के युग की अत्यंत आवश्यक पुकार हो चुकी है।
By: डॉ. अरुण बंसल
01-Jan-2014
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अनादि काल से ही हिंदू धर्म में अनेक प्रकार की मान्यताओं का समावेश रहा है। विचारों की प्रखरता एवं विद्वानों के निरंतर चिंतन से मान्यताओं व आस्थाओं में भी परिवर्तन हुआ। क्या इन मान्यताओं व आस्थाओं का कुछ वैज्ञानिक आधार भी है? यह प्रश्न बारंबार बुद्धिजीवी पाठकों के मन को कचोटता है। धर्मग्रंथों को उद्धृत करकेेेेे ‘बाबावाक्य प्रमाणम्’ कहने का युग अब समाप्त हो गया है। धार्मिक मान्यताओं पर सम्यक् चिंतन करना आज के युग की अत्यंत आवश्यक पुकार हो चुकी है।
By: यशकरन शर्मा
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प्रकृति ने मनुष्य को एक अनोखा गुण दिया है- विचार. इसी के कारण मनुष्य अन्य जीव-जंतुओं से भिन्न है. और इसी कारण उसे हमेशा यह जानने की उत्कंठा रही है. की वह कौन है. अंतरिक्ष क्या है. समय क्या है. पदार्थ क्या है.
By: आभा बंसल
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क्रूर ग्रह अपने स्वभाव का असर किसी न किसी रूप में शरीर पर छोड़ते हैं। संसार के परिदृश्य से साक्षात कराने वाली आंखें क्रूर ग्रहों के प्रभाव से कभी भेंगी या ज्योतिहीन हो जाती हैं तो कभी किसी रोग का शिकार। किन ग्रहों की युति नेत्र विकार पैदा करती है, आइए जानें...
By: शिव प्रसाद गुप्ता
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आगामी लोकसभा निर्वाचन में भाजपा की ओर से प्रत्यक्ष रूप से भावी प्रधानमंत्री के रूप में घोषित उम्मीदवार गुजरात राज्य में तीसरी बार सत्ता हासिल करने वाले राज्य के मुख्य मंत्री नरेन्द्र मोदी हं तो दूसरी ओर परोक्ष रूप से कांग्रेस के युवा नेता एवं निर्वाचन में प्रचार समिति के कप्तान कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गंाधी हैं। इन दोनों में से कौन नेता अपनी पार्टी के लिए लोकसभा में अधिक सीटें प्राप्त कर प्रधानमंत्री के सिंहासन पर काबिज हो सकता है? जानते हैं ज्योतिष के नजरिए से...
By: रवि जैन
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एक खिलाडी की जन्मकुंडली में चाहे कितने ही अच्छे योग क्यों न हो, यदि उसमें खेल विशेष से सम्बन्धित अच्छे योग नहीं है तो उसका कैरियर अधिक समय तक नहीं रह पता है।
By: जय निरंजन
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साधारणतः दशम भाव (या तो लग्न से या चंद्र से जो भी बलवान हो) और उसके स्वामी, दशम भाव में स्थित ग्रहांे से, जन्मपत्री के प्रधान ग्रह, और नवांष में दशमेश की स्थिति से कैरियर के बारे में ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
By: फ्यूचर पाॅइन्ट
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आधुनिक (ग्रेगोरियन) कैलेंडर में प्रति चार वर्ष पश्चात एक लीप वर्ष होता है, 100 वर्ष पश्चात लीप वर्ष नहीं होता एवं 400 वर्ष पश्चात पुनः लीप वर्ष होता है।
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परिवार में कलह हो तो गृहस्थ जीवन तबाह हो जाता है। परिवार रूपी रथ के दोनों पहिए अलग-अलग हो जाते हंै जिसका प्रभाव संपूर्ण परिवार पर पड़ता है और परिवार के सभी सदस्यों की खुशहाली पर ग्रहण सा लग जाता है। कलह क्यों होती है, इसके ज्योतिषीय कारण क्या हैं, क्या करें कि कलह हो ही नहीं, यह सब जानने के लिए पढ़ें यह आलेख...
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आपकी बताई रेसिपीज से बनते हैं, सभी व्यंजन लाजवाब चाहे Snacks हो या Sweets या फिर सरसों का साग पकवानों की दुनिया की बेताज रानी हैं आप बेमिसाल आपकी मुस्कराहट और सादगी का भी कायल है पूरा समाज
15-Jun-2017
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शनिदेव की प्रसन्नता एवं अनुकूलता प्राप्त करने हेतु दशरथकृत शनि स्तोत्र बहुत प्रभावशाली माना जाता है। इसके नित्यपाठ से शनि तथा अन्य ग्रहों की पीड़ा से मुक्ति मिलती है। पाठकों के हितार्थ शुद्धरूप में स्तोत्र दिया जा रहा है। शनि अष्टक के पाठ से भी पाइक लाभान्वित हो सकते हैं।
By: श्रीकृष्ण शर्मा
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भारतीय विचारधारा के अनुसार मनुष्य के वर्तमान को उसका पूर्व कर्मफल प्रभावित करता है। उसके कष्टों के निम्नलिखित कारण बताए गए हैं: देव कोप, धर्मदेव, रोष, सर्पक्रोध, प्रेत कोप, गुरु- माता-पिता-ब्राह्मण श्राप, शब्द, भंगिमा, विष और अभिचार। यहां कष्टों और बाधाओं के कुछ प्रमुख ज्योतिषीय कारणों और उनके निवारण के उपायों का वर्णन प्रस्तुत है।