Numerology के अनुसार आपका नाम बदलने से Life में कैसे आएगा बदलाव?

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जॉब इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए आज़माएं ये असरदार वास्तु उपाय

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जॉब इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए आज़माएं ये असरदार वास्तु उपाय

किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्‍यू देते हैं.

जीवन में असंतुलन? हो सकता है राहु का प्रभाव – ये हैं मुख्य संकेत

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जीवन में असंतुलन? हो सकता है राहु का प्रभाव – ये हैं मुख्य संकेत

क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.

Power of Mulank 1 – Personality Strengths, Ideal Careers & Compatibility Secrets

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Power of Mulank 1 – Personality Strengths, Ideal Careers & Compatibility Secrets

People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.

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कुंडली में पितृ दोष

पितृ दोष क्या है? इसके ज्योतिषीय योगों का वर्णन करें। इससे होने वाली परेशानियां व उनके उपायों का वर्णन करें। यदि कुंडली में पितृदोष हैं, परंतु जीवन में कष्ट नहीं है या पितृदोष नहीं है, लेकिन कष्ट है, तो क्या पितृदोष के उपाय किये जाने चाहिये? पितृ दोष: ‘‘पितृ दोष’ शब्द, दो शब्दों - 1) पितृ एवं 2) दोष से मिलकर बना है। इसमें ‘‘पितृ’’ का अर्थ है। ‘‘पिता’’ या ‘‘पूर्वज’’ तथा ‘‘दोष’’ का अर्थ है - ‘‘गलती या सजा’’। इस तरह से पितृ दोष का अर्थ होता है।- पिता या पूर्वज की गलती की सजा भोगना। ‘अर्थात’ ‘पितृ दोष’ का अर्थ यह होता है कि पिता या पूर्वजों के अशुभ कार्यों का वह...........

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कुंडली में पितृ दोष: कारण व निवारण

वैदिक परंपरा के अनुसार प्रत्येक मनुष्य तीन प्रकार के ऋण से ग्रस्त होता है, पहला देव ऋण, दूसरा ऋषि ऋण और तीसरा है पितृ ऋण। महर्षि मनु और महर्षि याज्ञवल्क्य ने कहा है कि प्रत्येक मनुष्य को इन तीनों ऋणों से मुक्ति का प्रयास मोक्ष प्राप्ति के लिये करना चाहिए। इन तीनों ऋणों में प्रमुख पितृ ऋण है। हमारे पूर्वजों के पुण्य कर्मों से हमारी उत्त्पत्ति हुई। अतः हमारा परम कत्र्तव्य है कि हम उन्हें श्राद्ध, तर्पण से कृतार्थ करें ताकि हमारे पितर मोक्ष के भागी बनें और हमें पितृ, मातृ व अन्य ऋणों से मुक्त करें।

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कुंडली में बहु विवाह एवं द्विभार्या योग

शादी के बारे में हर व्यक्ति को जानने की इच्छा होती है। आज के आधुनिक समय में किसी-किसी व्यक्ति की शादी भी नहीं हो पाती और किसी जातक की दो या तीन बार शादी हो जाती है। शादी कितनी बार होगी इसको हम कुंडली की सहायता से जान सकते हैं। इस लेख में हम उन योगों की चर्चा कर रहे हैं जो शास्त्रों में वर्णित हंै।

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कुंडली में शनि पीड़ित होने से उत्पन्न समस्याएं

ग्रहों की चर्चा आते ही अधिकांश लोगों का ध्यान ‘‘शनि’’ की ओर ही आकर्षित होता है तथा एक भय की दृष्टि से इसे देखते हैं।

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कुंडली में संतान योग

जीवन में समस्त सुखों में महत्पूर्ण हैं. संतानसुख. भारतीय हिन्दू धर्मशास्त्र में पांच प्रकार के ऋणों की चर्चा की गई हैं जिनमें एक पितृ ऋण. पितृ ऋण बगैर संतान उत्पति के नहीं चुकाया जा सकता. वंश को आगे बढाने हेतु पुत्रोत्पति ही पितृ ऋण चुकाने का मार्ग हैं.

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कुंडली मिलान और मंगलीक दोष कारण निवारण

कुंडली मिलान और मंगलीक दोष कारण निवारण जब भी जीवनसाथी के चुनाव हेतु ग्रह मेलापक, कुंडली मिलान की चर्चा होगी तो मंगलीक योग की बात जरूर होगी। दांपत्य जीवन को सुखमय व समृद्धिमय बनाने की लोक कामना मंगलीक दोष से उत्पन्न वैधव्य, संतानहीनता, कलह, रोग भय से संत्रस्त रहती है परंतु मंगलीक योग से डरने की आवश्यकता नहीं है। ज्योतिष में योग व कुयोग का निवारण भी है।

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कुंडली मिलान कैसे करें?

पायें वैदिक ज्योतिष पर आधारित हिंदी में कुंडली मिलान (Kundli Milan) बिल्कुल मुफ्त। गुण मिलान में वर और कन्या का मिलाप अष्‍टकूट गुणों की संख्या पर निर्भर करता है।

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कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान से संबंधित अनेक प्रश्न सामने आते हैं। आइए, कुछ प्रश्नों का समाधान देखते हैं: प्रश्न: क्या कुंडली मिलान कर के भविष्य को सुखमय बनाया जा सकता है? उत्तर: कुंडली मिलान कर के भविष्य को अवश्य ही सुखमय बनाया जा सकता है। कर्म से भाग्य बदला जा सकता है। भाग्य पूर्व जन्मांे का फल है, अर्थात् कुंडली का ठीक मिलान कर के भविष्य को संवार सकते हैं।

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कुंडली मिलान का महत्व

कुंडली मिलान या गुण मिलान वैदिक ज्योतिष में विवाह के लिए कुंडलियों का मिलान है |कुंडली मिलान से संबंधित अनेक प्रश्न सामने आते है. आइए, कुछ प्रश्नों का समाधान देखते है!

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कुंडली मिलान सफल गृहस्थ जीवन की कुंजी

ज्योतिष जीवन में कई तरह से सहायता करता है। यदि विवाह से पूर्व वर-वधू की कुंडली का मिलान ठीक से कर लिया जाए तो भविष्य में आने वाली कठिनाइयां अवश्य कम हो जाती हैं। प्रारब्ध निश्चित है, फिर भी कर्म प्रधान है। कुंडली मिलान पर पाठकों की कुछ जिज्ञासाओं का समाधान इस आलेख में किया जा रहा है...

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कुंडली विवेचन के मुख्य घटक

कुंडली विवेचन के अन्यान्य सूत्रों का प्रतिपादन महर्षि पराशर ने बृहत् पराशर होरा शास्त्र में किया है। कुंडली विवेचन में अनेक मानदंडों का विशद् व व्यवस्थित अध्ययन करना अति आवश्यक है, अन्यथा फलकथन में त्रुटि संभाव्य है। इस आलेख में कुंडली विवेचन के मुख्य घटकों की व्याख्या की जा रही है: 1. जन्मकुंडली/राशिचक्र (लग्न कुंडली) 2. चंद्र कुंडली - चंद्र से अन्य बारह भावों का विवेचन। - लग्न व चंद्र- दोनों भावों की स्थिति

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कुंडली से मिलते हैं भाग्यशाली होने के संकेत

प्रत्येक व्यक्ति अपना-अपना भाग्य लेकर जन्म लेता है। एक ही परिवार में जन्मे बच्चों की किस्मत भी अलग होती है। ऐसा जन्म के समय की ग्रह स्थितियों में भिन्नता के कारण होता है। जन्मकुंडली में कौन सी स्थितियां व्यक्ति को धनवान व भाग्यशाली बनाती हैं, जानने के लिए पढ़िए यह आलेख...