Numerology के अनुसार आपका नाम बदलने से Life में कैसे आएगा बदलाव?

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जॉब इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए आज़माएं ये असरदार वास्तु उपाय

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जॉब इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए आज़माएं ये असरदार वास्तु उपाय

किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्‍यू देते हैं.

जीवन में असंतुलन? हो सकता है राहु का प्रभाव – ये हैं मुख्य संकेत

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जीवन में असंतुलन? हो सकता है राहु का प्रभाव – ये हैं मुख्य संकेत

क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.

Power of Mulank 1 – Personality Strengths, Ideal Careers & Compatibility Secrets

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Power of Mulank 1 – Personality Strengths, Ideal Careers & Compatibility Secrets

People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.

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कब होगा विवाह ?

विवाह के लिये सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि जातक की कुंडली में विवाह योग है अथवा नहीं क्योंकि योग तभी प्रभावी होते हैं जब पत्रिका में विवाह योग होते हैं। विवाह काल का निर्णय योग, दशा व गोचर के आधार पर किया जाता है। इन प्रश्नांे के लिये लग्न कुंडली एवं चंद्र कुंडली दोनों का विश्लेषण करना चाहिये। अधिक गहराई के लिये नवांश का भी अध्ययन कर लेना चाहिये। यदि कुंडली में निम्नलिखित योग हों तो विवाह अवश्य होता है:

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कब्ज: सभी रोगों का कारण

चिकित्सा प्रणालियों का मानना है कि कब्ज आंतों में बसने वाला शैतान है जो कई प्रकार के रोगों को जन्म देता है जैसे मधुमेह, कफ-विकार, आंत्रशोथ, नसों की सूजन, कैंसर आदि। यह माना जाता है कि कब्ज के रहते किसी भी रोग का उपचार नहीं हो सकता।

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कुंभ महापर्व

कुंभ पर्व का पौराणिक तथ्य : महाभारत एवं अन्य ग्रंथों के अनुसार देवासुर में परस्पर शुद्ध के समय समुद्र मंथन को ले कर प्रयाग, उज्जैन, नासिक, हरिद्वार आदि ४ स्थानों पर विश्राम के इस अमृत कुंभ को ले कर प्रयाग

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क्या आप जानते है

ज्योतिष शास्त्र के प्रवर्तक के रूप में अठारह आचार्यों का नामत: उल्लेख प्राप्त होता है, वे है-सूर्य, पितामह, व्यास, वशिष्ठ, अत्रि, पराशर, कश्यप, नारद, गर्ग, मरीचि, मनु, अंगीरा, लोमश , पुलिश,च्यवन, यवन, भृगु एवं शौनक।

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क्या आप जानते है

मध्य युग में बहुत से धार्मिक गुरुओं को ज्योतिष के अति विशष्ट जानकारी रहती थी। सिक्सस चतुर्थ पहले पॉप थे जिन्हें जन्मपत्री बनाने व् इसके आधार पर भविष्यवाणी करने की योग्यता प्राप्त थी।

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क्या आप जानते हैं

ज्योतिष शास्त्रियों का मानना है की चन्द्रमा का जैसा प्रभाव समुद्र पर होता हैं ठीक वैसा ही प्रभाव मानव शरीर एंव मन पर भी होता हैं। अगर चन्द्रमा समंदर में बड़े बड़े ज्वार भाटा उत्पन्न कर सकता हैं। तो फिर मानव शरीर को क्यों प्रभावित नहीं कर सकता।

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क्या आप जानते हैं

क्या आप जानते है की आकाश में लगभग १०० करोड़ ब्रह्माण्ड है और हमारे ब्रह्माण्ड में लगभग दस हजार करोड़ तारे हैं. इस प्रकार पूरे आकाश में लगभग दस लाख करोड़ तारे हैं. हमारी आकाश गंगा का व्यास लगभग

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क्या आप जानते हैं?

25-26 अप्रैल 2013 का आंशिक चंद्रग्रहण 21वीं सदी का तीसरा सबसे छोटे अंतराल का ग्रहण था जो कि लगभग 27 मिनट तक रहा।

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क्या आप जानते हैं?

अगर सूर्य के केन्द्रीय भाग में आज ऊर्जा उत्पन्न होना बंद हो जाए तो पृथ्वी पर इसके प्रभाव को महसूस करने के लिए 5 करोड़ वर्ष लग जाएंगे।

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क्या आप जानते हैं?

चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक सैटेलाइट है जिसका निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व और सौरमण्डल की रचना के 3 से 5 करोड़ वर्ष पश्चात हुआ।

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क्या आप बन पाएंगे सफल इंजीनियर

वर्तमान समय में हर विद्यार्थी इंजीनियर बनना चाहता है तथा उसके माता-पिता भी यही चाहते है की उनका पुत्र-पुत्री इंजीनियर बनके उनका नाम रोशन करें। परन्तु सभी विद्यार्थी इस क्षेत्र में सफल नहीं हो पाते है।

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क्या और कैसे होते हैं-उच्च, नीच, वक्री एवं अस्त ग्रह

उच्च तथा नीच राशि के ग्रह भारतवर्ष में अधिकतर ज्योतिषियों तथा ज्योतिष में रूचि रखने वाले लोगों के मन में उच्च तथा नीच राशियों में स्थित ग्रहों को लेकर एक प्रबल धारणा बनी हुई है कि अपनी उच्च राशि में स्थित ग्रह सदा शुभ फल देता है तथा अपनी नीच राशि में स्थित ग्रह सदा नीच फल देता है। उदाहरण के लिए शनि ग्रह को तुला राशि में स्थित होने से अतिरिक्त बल प्राप्त होता है