Numerology के अनुसार आपका नाम बदलने से Life में कैसे आएगा बदलाव?

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जॉब इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए आज़माएं ये असरदार वास्तु उपाय

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जॉब इंटरव्यू में सिलेक्शन के लिए आज़माएं ये असरदार वास्तु उपाय

किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्‍यू देते हैं.

जीवन में असंतुलन? हो सकता है राहु का प्रभाव – ये हैं मुख्य संकेत

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जीवन में असंतुलन? हो सकता है राहु का प्रभाव – ये हैं मुख्य संकेत

क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.

Power of Mulank 1 – Personality Strengths, Ideal Careers & Compatibility Secrets

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Power of Mulank 1 – Personality Strengths, Ideal Careers & Compatibility Secrets

People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.

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ज्योतिष में शिक्षा और अनुसंधान

ज्योतिष वेदांग है। वेदों की रचना स्वयं ब्रह्मा ने की थी। तब से वेद श्रवण-कथन द्वारा एक से दूसरे के पास और तब से आज हमारे पास पहुंचे हैं।

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ज्योतिष में शोध की आवश्यकता

ज्योतिष एक प्राचीनतम विज्ञान है जिसका उल्लेख वेदों में भी आता है। ज्योतिष को मुख्यतः दो भागों में बांटा जा सकता है। प्रथम खगोल शास्त्र - जिसमें आकाश मंडल में विचरण करते हुए ग्रहों की स्थिति का शुद्ध आंकलन किया जाता है। द्वितीय - इन आकाशीय पिण्डों का प्रभाव पृथ्वी एवं मनुष्य जाति पर कैसा पड़ता है इसका अनुमान।

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ज्योतिष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण

प्रश्न: ज्योतिष में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का क्या महत्व है ? ग्रहण के पूर्व या ग्रहण के समय पूजा आदि का क्या विधान है? सूतक क्या है? इसमें कौन से कर्म वर्जित हैं? इस दौरान किन ग्रहों का उपाय, मंत्र जप आदि करना शुभ है?

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ज्योतिष शास्त्र में मूक प्रश्न

प्रश्न शास्त्र ज्योतिष की वह अभिन्न विधा है, जिसकी सिद्धि के पश्चात एक ज्योतिर्विद किसी जातक के मन में उठ रहे प्रश्नों को तथा प्रश्न संबंधी समाधान को सरलता पूर्वक ज्ञात कर सकता है। प्रश्न शास्त्र के अंतर्गत प्रश्न क्या है, मुष्टिगत वस्तु का रंग क्या है, घर से बाहर गए व्यक्ति का आगमन कब होगा, मुकद्दमे में जीत होगी या हार, शत्रु कब पैदा होंगे, व्यापार में लाभ-हानि, अन्न के भावों में उतार-चढ़ाव, चोरी हुई वस्तु की जानकारी, चोर स्त्री है या पुरुष, चोर घर का है या बाहर का, चोर का स्वरुप आदि विषयों पर प्राचीन ज्योतिर्विदों ने कई योगायोग बताये हैं।

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ज्योतिष से करें शिक्षा क्षेत्र का चुनाव

बौद्धिक विकास एवं शिक्षा एक दूसरे के पूरक हैं। इसके लिए विवेक शक्ति, बुद्धि, प्रतिभा एवं स्मरण शक्ति तथा विद्या पर विचार करने की आवश्यकता होगी। ज्योतिष में सर्वार्थ चिंतामणि के अनुसार शिक्षा का विचार तृतीय एवं पंचम भाव से किया जाता है। जातक परिजात के अनुसार चतुर्थ एवं पंचम भावों से शिक्षा का विचार करते हैं। फलदीपिका में लग्नेश, पंचम भाव और पंचमेश के साथ ही चंद्रमा, बृहस्पति एवं बुध को शिक्षा का कारक बताया गया है।

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ज्योतिष से हृदय रोग का ज्ञान

ज्योतिष द्वारा जातक के शरीर में होने वाले किसी भी रोग की भविष्यवाणी समय रहते की जा सकती है। जहां कुंडली के प्रथम, तृतीय तथा अष्टम भाव व्यक्ति के जीवन तत्व को प्रदर्षित करते हंै वहीं छठा भाव रोग को, बारहवां अस्पताल को तथा सातवां एवं द्वितीय भाव मरण को प्रदर्षित करते हंै।

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ज्योतिष से ह्रदय रोग का ज्ञान

ज्योतिष द्वारा जातक के शरीर में होने वाले किसी भी रोग की भविष्यवाणी समय रहते की जा सकती है। जहां कुंडली के प्रथम, तृतीय तथा अष्टम भाव व्यक्ति के जीवन तत्व को प्रदर्शित करते हैं वहीँ छठा भाव रोग रोग, बारहवां अस्पताल को तथा सातवां

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ज्योतिष हस्तरेखा व कैंसर रोग

सुखी एवं सफल वैवाहिक जीवन के लिए पति-पत्नी में आपसी सामंजस्य बहुत आवश्यक है। परंतु पति यदि पत्नी की बात को महत्व ही न दें तो एक कलहपूर्ण स्थिति बन जाती है। हस्तरेखाओं में इस समस्या का कारण एवं समाधान दोनों हैं।

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ज्योतिष-ज्योति आद्य शंकर

शंकरावतार भगवत्पाद श्री आद्य जगदगुरु शंकराचार्य ने ‘‘ज्योतिष पीठ’’ की प्रतिष्ठा वद्रिकाश्रम में की थी। प्रसिद्ध है कि महात्मा लगध वद्रिकाश्रम के ज्योतिष पीठ में तप करते हुए ज्योतिष शास्त्र का दिव्य ज्ञान भी प्रसारित करते रहे। काल ज्ञान बोधक ज्योतिष शास्त्र का वर्तमान विकसित स्वरूप आचार्य लगध मुनि की उत्कृष्ट तपस्या की ही देन है।

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ज्योतिष-ज्योति आद्य शंकर परिव्राजक स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती

सत् स्वरूप ब्रह्म एक है, किंतु वेदज्ञ पुरुष उसको अनेक प्रकार का बतलाते हैं। ‘अयमात्मा ब्रह्म’ श्रुति बतलाती है कि यह आत्मा ब्रह्म है। ‘अहं ब्रह्मास्मि’ श्रुति बतलाती है कि ब्रह्मज्ञानी पुरुष इस बात का अपरोक्ष करता है कि मैं ब्रह्म हूं अर्थात् मुझ में तथा ब्रह्म में कोई भेद नहीं है।

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ज्योतिष-ज्योति आद्य शंकर परिव्राजक स्वामी ज्ञानानन्द सरस्वती

ैदिक सनातन धर्म के उद्धारक, शंकरावतार श्री आद्य शंकराचार्य जी ने आज से 2496 वर्ष पूर्व ही अवैदिक दुर्मतों का खंडन करते हुए ज्योतिष शास्त्र की प्रामाणिकता का जो डिम-डिम घोष किया था उसका पूरा ज्योतिष समाज ऋणी है। इस स्तंभ में हम विलक्षण प्रतिभा के धनी उन्हीं आद्य शंकर एवं उनके द्वारा प्रसूत ज्योतिष ज्ञान गंगा से अपने पाठकों का परिचय करा रहे हैं...

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ज्योतिषीय आहारिक उपचार

ज्येतिष में ग्रहों के अशुभ फल को कम करने के लिए एवं शुभ ग्रहों को बल प्रदान करने के लिए आम तौर पर सभी सलाहकार रत्नों की सलाह देते हैं। प्रत्येक ग्रह के अनुसार जातक को रत्न बताए जाते हैं जैसे सूर्य के लिए माणिक्य, चंद्र के लिए मोती, मंगल के लिए मूंगा, बुध के लिए पन्ना, गुरु के लिए पुखराज, शुक्र के लिए हीरा, शनि के लिए नीलम राहु के लिए गोमेद एवं केतु के लिए लहसुनिया। इन्हें विधिपूर्वक पहनने से लाभ मिलता है।