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किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्यू देते हैं.
By: AIFAS
19-Aug-2025
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क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.
12-Aug-2025
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People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.
30-Jul-2025
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पृथ्वी का पुत्र मानव न केवल पार्थिव वस्तुओं का ही आदर करता रहा है, अपितु आकाशीय परिसर में विराजमान नक्षत्रों और ग्रहों के प्रति भी उसकी कृतज्ञता उतनी ही बलवती रही है।
By: अशोक सहजानंद
01-Jan-2014
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प्रस्तुत लेख में ग्रहों की शांति के लिए कुछ सरल व अचूक उपाय प्रस्तुत है-जिनमें लाल किताब व ऋषि पाराशर प्रणीत ज्योतिष शास्त्र के उपाय सम्मिलित हैं।
By: रुचि थापर
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गोचर ग्रह परिवर्तन : इस मास ग्रहों का राशि परिवर्तन इस प्रकार होगा। सूर्य १३ फरवरी को प्रात: ७ बजकर ५ मिनट पर कुंभ राशि में प्रवेश करेगा। मंगल १८ फरवरी को प्रात: ७ बजे मकर राशि में प्रवेश करेगा । बुध १४ फरवरी को प्रात: १० बजकर ६ मिनट पर
By: जगदम्बा प्रसाद गौड
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गोचर ग्रह परिवर्तन : इस मास ग्रहों का राशि परिवर्तन इस प्रकार होगा। सूर्य १४ जनवरी को शाम के ६ बजकर ६ मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करेगा। मंगल ८ जनवरी की रात को ८ बजाकर १० मिनट पर धनु राशि में प्रवेश करेगा।
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मासारंभ में सूर्य, शुक्र सिंह राशि में, चंद्रमा, मंगल, शनि तुला राशि में, बुध व राहु कन्या राशि में, गुरु कर्क राशि में, केतु मीन राशि में, प्लूटो, नेप्चून कुंभ में, और यूरेनस धनु राशि में स्थित होंगे।
By: दिव्यदीप गौड
15-Oct-2014
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गोचर फल विचार मासारंभ में शनि व मंगल का राशि संबंध में बने रहना तथा उच्चस्थ शनि की सूर्य व उच्चस्थ गुरु पर दृष्टि का होना प्रशासनिक फेरबदल के संकेत देता है। पूर्वोत्तर प्रदेशों में हिंसक घटनाओं व सांप्रदायिक तनाव से जन धन की हानि का योग बनता है। शासकीय दलों में परस्पर विरोधाभास को बढ़ाकर किसी विशिष्ट व्यक्ति के पद रिक्त होने का भी कारक बनेगा।
15-Sep-2014
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गोचर फल विचार मासारंभ में केतु व शुक्र का शनि व राहु ग्रहों से समसप्तक योग में बने होना तथा मंगल व शुक्र ग्रह का परस्पर षडाष्टक योग में होना राजनीति के क्षेत्र में परस्पर विरोधाभास की स्थिति दर्शाता है। शासकीय व्यवस्था में अस्थिरता का योग दर्शाता है, तेज आंधी तूफान या यान दुर्घटना इत्यादि से भी जन धन की हानि का संकेत देता है। उत्तरी क्षेत्रों में आतंकवादी गतिविधियों से जन मानस में भय की स्थिति उत्पन्न करेगा।
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मासारंभ में गुरु का पुनर्वसु नक्षत्र और उच्चस्थ राशि कर्क में स्थित होकर उच्चस्थ शनि द्वारा दृष्टित होना और बुध व शनि का वक्री गति में होना प्राकृतिक प्रकोपों, भयंकर बाढ़ इत्यादि से जन-धन की भारी हानि का संकेत देता है। 11 जुलाई को गुरु ग्रह का अस्त हो जाना तथा 12 जुलाई को राहु का कन्या राशि में प्रवेश करना और केतु का मीन राशि में प्रवेश कर जाना तथा इसके साथ ही 14 जुलाई को मंगल का भी तुला राशि में उच्चस्थ शनि से राशि संबंध बना लेना ये सभी योग इस मास में उग्रकारी तत्वों के द्वारा हिंसक व आतंकी गतिविधियों से जनता मंे भय व अशांति को बढ़ावा देगा। ये योग आकाशीय आपदाओं से भी जन-धन की हानि का संकेत देते हैं। 16 जुलाई को सूर्य का उच्चस्थ बृहस्पति से राशि संबंध बनाकर शनि से दृष्टित होना हिंसक घटनाओं व सांप्रदायिक तनाव को बढ़ाकर शासकों में भय व्याप्त करेगा। दैनिक उपयोगी वस्तुओं में महंगाई के अत्यधिक बढ़ जाने से जन मानस में शासकों के प्रति रोष की भावना को बढ़ाएगा।
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गोचर फल विचार मासारंभ में शनि राहु का सूर्य व मंगल के साथ समसप्तक योग बनना पश्चिमी देशों में राजनैतिक परिवर्तन होने का याग बना रहा है। इसके साथ ही सूर्य, मंगल, बुध, केतु, शुक्र का पंचग्रही योग बनाते हुए बृहस्पति से द्विद्वादश योग में आना समुद्री तटों पर प्राकृतिक प्रकोप से धन-जन की हानि करेगा तथा पूर्वी प्रांतों में ये योग उग्र तत्वों के बढ़ जाने से अशांति का वातावरण पैदा करेगा।
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गोचर फल विचार मासारंभ में मंगल ग्रह का शनि व राहु से द्विद्र्वादश योग में रहना तथा सूर्य का शनि से समसप्तक योग में रहना राजनीतिज्ञों में परस्पर विरोधाभास को बढ़ाकर अशान्तमय माहौल पैदा करेगा। परस्पर विरोधी राजनीतिक दलों द्वारा आरोप प्रत्यारोपों को बढ़ावा देगा। शासकीय दलों के लिए विशेषतया संषर्षपूर्ण स्थितियां बनाएगा। इस मास में अग्निकांड, विस्फोटक दुर्घटनाओं इत्यादि से जन मानस में भय और आक्रोश की भावना को बढ़ाएगा।
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गोचर फल विचार इस मास में धनु राशि पर मंगल व शनि की दृष्टि होने से उपद्रवी तत्व अराजकता को बढ़ावा देंगे तथा किसी प्रमुख राजनीतिज्ञ का घोटाला प्रकाश में आएगा। इस मास में राजनीति क्षेत्र अधिक सक्रिय रहेगा। 14 अप्रैल को सूर्य का केतु के साथ मेष राशि से संबंध बनाकर शनि व राहु से समसप्तक योग में आ जाना आम जनता में भय और अशांति का माहौल बनाएगा।
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कुछ क्षेत्रों में सांप्रदायिक और उपद्रवकारी तत्वों के उग्र और हिंसात्मक कार्यों से जन-धन की हानि का संकेत देता है और अशांति का वातावरण बनाएगा।