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किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्यू देते हैं.
By: AIFAS
19-Aug-2025
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क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.
12-Aug-2025
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People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.
30-Jul-2025
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रोजाना, हम अलग-अलग प्रकार के जुमले सुनते रहते हैं कि ‘‘उसकी किस्मत बहुत अच्छी थी इसलिये वह इतना बड़ा आदमी बन पाया’’,‘‘मेरी तो किस्मत में सुख लिखा ही नहीं है”, “वह तो बदकिस्मत है’’, “जो किस्मत में लिखा होगा, वह तो मिलेगा ही फिर मेहनत करने की क्या आवश्यकता है?’’ आदि।
By: फ्यूचर पाॅइन्ट
15-Jan-2015
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कोर्ट केस में किन ग्रहों की क्या भूमिका होती है। उन ग्रहों की नक्षत्र में स्थित का गहराई के साथ अध्ययन करके, समय से पूर्व विधवत् उपाय करने से विजय प्राप्ति संभव है।
By: अशोक शर्मा
01-Jan-2014
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अमेरिका के राष्ट्रपति माननीय श्री बराक हुसैन ओबामा का कार्यकाल जनवरी 2017 में समाप्त हो जाएगा। जैसे-जैसे 8 नवंबर 2016 का दिन समीप आ रहा है वैसे-वैसे न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में ही, बल्कि संपूर्ण विश्व में लोगों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। क्या डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अमेरिका की राष्ट्रपति बन पाएंगी या रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 58वें राष्ट्रपति होंगे? वत्र्तमान में एक ध्रुवीय विश्व राजनीति में यह पद अत्यंत महत्वपूर्ण बन गया है। इस पद पर आसीन व्यक्ति न केवल संयुक्त राज्य अमेरिका का भाग्य विधाता या नियंता होता है, बल्कि वह विश्व शांति, सद्भावना, न्याय, वैश्विक स्तर पर राष्ट्रों के सामूहिक मुद्दों, पारस्परिक विवादों को प्रभावित करने की क्षमता भी रखता है, इसलिए इस चुनाव पर विश्व समुदाय एवं राष्ट्राध्यक्षों की भी पैनी नजर है।
By: उमाधर बहुगुणा
15-Nov-2016
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देष षाष्वत है परन्तु षासक आते जाते रहते हैं। यदि हम पिछले 5000 वर्ष पहले के इतिहास को देखें तो जानेंगे कि विषाल आर्यावर्त अर्थात विषाल भारतवर्ष, जिसके अंग कई आधुनिक देष हुआ करते थे अब सिमट कर आधुनिक भारत के नाम से जाना जाता है। इन वर्षों के दौरान यदि हम उन षासकों को याद करने की कोषिष करें जिन्होंनेे अपनी पूरी क्षमता के साथ षासन किया था तो हमें कुछ गिनती के नाम ही याद आएंगे। पिछले 2500 वर्षों में अगर हम षासकांे को याद करने की कोषिष करंे तो दो ही षासक हमारे मस्तिष्क में उभर कर आते हंै एक सम्राट अषोक और दूसरा मुगल सम्राट अकबर।
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खेल जगत में सफलता जातक की शारीरिक क्षमताओं, साहस तथा विषम व दबाव की परिस्थितियों में जीतने की योग्यताओं को दर्शाने वाले तृतीय भाव, छठे भाव, मंगल, बुध व राहु पर निर्भर करती है क्योंकि श्रेष्ठ खिलाड़ी योग के निर्माण में इन्हीं ग्रहों व भावों का महत्व सर्वोपरि है। बलवान तृतीय भाव से जातक बल और पराक्रम से युक्त होता है। बली तृतीय भाव वाला जातक खेल जगत के लिए आवश्यक शारीरिक क्षमताओं से युक्त होता है।
By: यशकरन शर्मा
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संस्कार स्थल पर चंडीगढ़ पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक नौनिहाल सिंह की आखें में भी आंसू छलक आए। भोग के समय सड़कें जाम हो गई और अपार जनसमूह श्रद्धांजलि देने जा पहुंचा।
By: आभा बंसल
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अक्सर संतुलित आहार की बात होती है लेकिन इसके अतिरिक्त यह जानना भी आवश्यक है कि किस चीज को किसके साथ खाएं या किसको किसके साथ न खाएं। हम खाने में एक साथ कई चीजें खाना पसंद करते हैं। लेकिन एक ही समय कुछ चीजों को एक साथ खाना हानिकारक हो सकता है। इसलिए यह जान लेना आवश्यक है कि अच्छा और बुरा खाना क्या है?
By: अविनाश सिंह
15-Feb-2015
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सफल खिलाड़ी वह बन सकता है जिसके कुंडली में खिलाड़ी बनने के पर्याप्त योग हों।
By: फ्यूचर समाचार
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गूंगापन: जन्मलग्न या चंद्र लग्न से द्वितीय भाव वाणी का प्रतिनिधित्व करता है तथा बुध ग्रह को वाणी का कारक माना गया है। द्वितीय भाव, द्वितीयेश या कारक ग्रह बुध के पाप ग्रस्त या दुःख स्थानों में होने पर यह दोष उत्पन्न होता है।
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जोड़ों के दर्द से पीड़ित लोगों को दैनिक काम-काज करने में बहुत समस्या आती है। जिन रोगों में यह दर्द, लक्षण, रूप मिलता है इनमें से एक है संधिगत वात। जोड़ों के इस विकार में वायु ही मुख्य कारण होता है। आयुर्वेद के अनुसार हड्डी और जोड़ों में वायु का निवास होता है। वायु के असंतुलन से जोड़ भी प्रभावित होते हैं। अतः वायु गड़बड़ा जाने से जोड़ांे में दर्द होता है।
15-Jan-2016
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व्यक्ति का जन्म जिस ग्रह स्थिति और नक्षत्र में होता है, उसी के अनुसार जीवन में शुभ तथा अशुभ घटनाएं घटित होती हैं। ज्योतिष शास्त्र के फलित ग्रंथों में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति से बनने वाले अशुभ योगों की शांति के लिए उपायों का विधान भी दिया गया है।
By: रमेश शास्त्री
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व्यक्ति का जन्म जिस ग्रह स्थिति और नक्षत्र में होता है। उसी के अनुसार जीवन में शुभ तथा अशुभ घटनाएं घटित होती है। ज्योतिष शास्त्र के फलित ग्रंथों में ग्रह नक्षत्रों की स्थिति से बनने वाले आशुभ योगों की शान्ति के लिए उपायों का विधान भी दिया गया