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किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्यू देते हैं.
By: AIFAS
19-Aug-2025
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क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.
12-Aug-2025
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People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.
30-Jul-2025
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2012 से लेकर 2018 के मध्य तक का सफर इनके लिए अवश्य अनुकूल नहीं रहा। परंतु समय के साथ मायावती दलित वर्ग की पहचान बन चुकी हैं।
By: आभा बंसल
04-Feb-2020
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भाई के हाथों भाई का खून ! आज के युग में एक दुखद घटना ! किंतु, मनुष्य ग्रहों के सामने विवश है। जब बुरे ग्रहों की दशा और खराब गोचर आता है तो व्यक्ति बुरा कर्म कर बैठता है। अतः आइए देखते हैं वे कौन से ग्रहयोग हैं जिसके कारण महाजन को अपने भाई के हाथों जान गंवानी पड़ी...
By: आचार्य किशोर
01-Jan-2014
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प्रमोद महाजन का जन्म ३० जनवरी १९४८ को २१ बजे हैदराबाद, आंध्र प्रदेश में हुआ था। उनके जन्म के समय पूर्व क्षितिज पर सिंह राशि उदित हो रही थी, अत: उनका जन्म सिंह लग्न, कन्या राशि तथा हस्त नक्षत्र में हुआ था। उनके जन्म के समय चंद्र की महादशा
By: फ्यूचर समाचार
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पूरे विश्व के पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए 182 मीटर ऊँचा स्टैच्यू आॅफ यूनिटी भारत के प्रथम उपप्रधानमन्त्री तथा प्रथम गृहमन्त्री सरदार वल्लभभाई पटेल का स्मारक बनने जा रहा है। आदरणीय नरेन्द्र मोदी ने विश्व के सबसे ऊँचे स्टैच्यू की अपनी इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना का शिलान्यास 31 अक्टूबर 2013 को सरदार पटेल के जन्मदिवस के अवसर पर किया।
By: कुलदीप सलूजा
15-Jan-2016
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पाकिस्तान में वहाँ के राष्ट्रपति में वहां के राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ ने ३ नवंबर २००७ को आपातकालीन स्थिति घोषित कर पूरे विश्व का ध्यान अपनी और खींच लिया। १२ अक्तूबर १९९९ को परवेज मुशर्रफ ने तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को बंदी
By: डॉ. अरुण बंसल
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पवार हाउस का पावर गेम आभा बंसल महाराष्ट्र की आधुनिक राजनीति में शरद राव पवार मुख्य हीरो की भूमिका में हैं। इन्होंने उद्धव ठाकरे को वादा किया कि वे उन्हें महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने मे सहयोग करेंगे। यह बेहद जटिल कार्य था लेकिन इन्होंने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देकर अपने मनसूबों को अन्जाम तक पहुंचाया और महाराष्ट्र की राजनीति में उस ठाकरे परिवार को शीर्ष पर पहुंचाया जिसके पास महाराष्ट्र की सरकार का रिमोट कंट्रोल हुआ करता था। शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे महाराष्ट्र के (नदबतवूदमक ापदहद्ध कहे जाते थे। आज बाला साहेब ठाकरे के पुत्र को किंग बनाकर ये महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य के रूप मे उभरे हैं। आधुनिक महाराष्ट्र सरकार का रिमोट कंट्रोल इन्हीं के हाथ में रहेगा। महाराष्ट्र की राजनीति में 23 नवंबर 2019 की सुबह एक ऐसा सियासी भूचाल आया जिसे आने वाले कई दशकों तक याद रखा जायेगा। 23 नवंबर को अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार का दामन छोड़ अपने विधायक साथियों के साथ बी. जे. पी. ज्वाइन कर ली और तुरंत ही उपमुख्यमंत्री की शपथ भी ले ली। अबसे लगभग 41 साल पहले 1978 में कुछ-कुछ इसी परिस्थिति में एन. सी. पी. के वर्तमान प्रमुख शरद पावर भी पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। जुलाई 1978 में शरद पवार ने कांग्रेस यू पार्टी को तोड़कर जनता पार्टी के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी और 37 साल की उम्र में वे सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गये थे। अब उनके भतीजे अजित पवार ने उनसे अलग राह पकड़ कर उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। हालांकि वे अपनी पोस्ट का लुत्फ केवल 2 दिन ही उठा पाए और उन्होंने 25 तारीख को ही इस्तीफा दे दिया और वापिस पवार खेमें में लौट गये और शरद पवार के साथ हाथ मिला लिया। शरद पवार राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी हैं वे तीन अलग-अलग समय पर महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। एक प्रभावशाली नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले शरद पवार केंद्र सरकार में भी रक्षा और कृर्षि मंत्री रह चुके हैं। पहले वे कांग्रेस पार्टी में थे पर सन 1999 में उन्होंने अपने राजनीतिक दल नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एन. सी. पी.) की स्थापना की राष्ट्रीय राजनीति और महाराष्ट्र के क्षेत्रीय राजनीति में उनकी गहरी पकड़ है। राजनीति के साथ-साथ वे क्रिकेट प्रशासन से भी जुड़े हुए हैं। सन् 2005 से 2008 तक भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष और सन् 2010 से 2012 तक अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कौंसिल के भी अध्यक्ष थे। जून 2015 में मुंबई क्रिकेट ऐसोसियेशन के दुबारा सेे अध्यक्ष बनाए गए। राजनीति के दाव-पेंच शरद पवार जी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री यशवंत राव चैहान से सीखे। सन् 1967 मे शरद पवार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर बारामती विधान सभा क्षेत्र से चुनकर पहली बार महाराष्ट्र विधान सभा पहुंचे। 1978 में कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनें। 1987 में फिर से कांग्रेस पार्टी में वापिस आ गये 1989 के लोक सभा चुनाव के बाद जब भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने कांग्रेस को कड़ी टक्कर दी तो शरद पवार ने 12 निर्दलीय विधायकों से समर्थन लेकर सरकार बनायी और फिर से मुख्यमंत्री बनें। 1993 में एक बार फिर वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने पर उन पर भ्रष्टाचार और अपराधियों से मेल-जोल के आरोप लगे जिससे इनकी राजनीतिक साख भी गिरी और 1995 विधान सभा चुनाव के बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। और 1996 के लोक सभा चुनाव तक वे विपक्ष के नेता रहे। 1999 में उन्होंने अपनी नयी पार्टी एन. सी. पी. बनाई। 2004 के लोक सभा चुनाव के बाद शरद पवार यू. पी. ए. गठबंधन सरकार में शामिल हुये और कृर्षि मंत्री बनाये गये। सन् 2012 में उन्होंने 2014 का चुनाव न लड़ने का ऐलान किया ताकि युवा चेहरो को मौका मिल सके लेकिन एन सी. पी. के अध्यक्ष के नाते राजनीति में अपनी पकड़ को मजबूत रखा। राजनीति व खेल दोनों में दाव पेंच लगाने व बिगड़ती बाजी को अपने पक्ष में करने की कला में वे माहिर हैं। आइये जाने ज्योतिष के आइने से कि कौन से ग्रह शरद पवार को पावर देने का कार्य कर रहे हैं। ज्योतिषीय विश्लेषण: शरद पवार का जन्म 12 दिसंबर 1940 को सुबह 7 बजे बारामती (महाराष्ट्र) में हुआ था। इनकी जन्मकुंडली में वृश्चिक लग्न में दशमेश सूर्य अष्टमेश से संयुक्त है जिसके फलस्वरूप ये सफल कूटनीतिज्ञ व सफल राजनीतिज्ञ हैं। चंद्रकुंडली में गुरु, शनि व चंद्र की युति भी इन्हें कूटनीतिज्ञ व सफल प्रशासक बनाती है। चंद्रकुंडली का पंचमेश, दशमेश होकर जन्म लगन में बुद्धि के कारक बुध से संयुक्त है तथा पंचम भावस्थ केतु व पंचमेश का गजकेसरी योग से संपन्न होना इन्हें प्रखर बुद्धिमान बनाता है। छठे घर (शत्रु भाव) पर पांच ग्रहों का प्रभाव तथा छठे से छठे घर में राहु की स्थिति शत्रुपक्ष पर भारी पड़ने तथा चुनावी दंगल में विजयी होने के लिए श्रेष्ठ योग है। ग्यारहवें भाव में राहु की स्थिति के कारण इनके मित्रों की संख्या अत्यधिक है और अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को भी अपना मित्र बना लेते हैं। इनके मित्र सभी राजनैतिक दलों में हैं। राहु की श्रेष्ठ स्थिति राजनीति के क्षेत्र में उच्च कोटि की सफलता दिलाती है। इनका एकादश भाव का राहु शुभ होने के कारण 1978 में राहु की महादशा व शुक्र की अंतर्दशा के समय उच्च राशि के भाग्य भाव में तथा शनि के दशम भाव में गोचर के समय इन्हें मात्र 37 वर्ष की अवस्था में महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 1984 में इन्होंने पहली बार लोक सभा चुनाव जीता था, उस समय गोचरीय शनि उच्चराशिस्थ थे तथा गुरु दशम भाव पर दृष्टि डाल रहे थे। मार्च 1985 में इनके पराक्रम भाव पर गुरु व शनि दोनों का संयुक्त गोचरीय प्रभाव था जबकि राहु छठे भाव में गोचर कर रहा था। इस जबरदस्त पराक्रम योग के फलस्वरूप ये विधान सभा में विरोधी दल के नेता चुने गए। फरवरी 1990 में धनेश की महादशा व अष्टमेश की अंतर्दशा में धन भाव व अष्टम भाव पर गुरु व शनि के गोचरीय प्रभाव तथा पराक्रम भाव पर राहु के गोचर के समय ये पुनः महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री चुने गए। 1995 के चुनावों में यद्यपि मुख्यमंत्री का पद इनके हाथ से निकल गया परंतु विरोधी दल के नेता चुने गए। इस समय गुरु की दशा में लग्न पर शनि व गुरु का गोचरीय प्रभाव था। 1998 में ये 12वीं लोकसभा में विरोधी दल के नेता बने। इस समय इनकी साढ़ेसाती चल रही थी। साढ़ेसाती के समय राजनेता को बड़ी जिम्मेदारी मिलती है। इस समय दशम भाव में राहु गोचर कर रहा था तथा गोचरीय गुरु की दृष्टि दशम भाव पर थी। 2004 में तथा 2009 में पुनः इन्हें यू. पी. ए. सरकार में कृर्षि मंत्री का पद प्राप्त हुआ। 2004 में दशम भाव पर गुरु व शनि का संयुक्त गोचरीय प्रभाव था। 2009 में दशम भाव पर शनि का गोचर चल रहा था। अभी वर्तमान समय में लग्नस्थ अष्टमेश बुध की दशा चल रही है तथा धन भाव पर अनेक ग्रहों का गोचरीय प्रभाव आ रहा है जो इनके लिए पद प्रतिष्ठा प्राप्ति कारक है। इसलिए उद्धव सरकार का रिमोट कंट्रोल इनके हाथ में आ गया। वर्ष 2020 से 2023 के मध्य इनका राजनीतिक रूतबा बढ़ेगा परंतु स्वास्थ्य में यदा कदा परेशानियां आती रहेंगी।
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उत्तरप्रदेश भारतीय जनता पार्टी उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों में मुख्यतः भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी तथा समाजवादी पार्टी मैदान में हैं। अन्य पार्टियां कमजोर प्रतीत हो रही हैं। भारतीय जनता पार्टी व नरेन्द्र मोदी की कुण्डली के अनुसार अभी वर्तमान में साढ़ेसाती चल रही है। भारतीय जनता पार्टी की कुण्डली में गोचर के शनि व पार्टी गठन काल के चन्द्रमा की डिग्री में बहुत कम अन्तर है अतः ऐसा प्रतीत होता है कि दिन-प्रतिदिन पार्टी की स्थिति और मजबूत होती जाएगी और आगामी चुनावों में भारतीय जनता पार्टी या तो स्पष्ट बहुमत प्राप्त करेगी अथवा स्पष्ट बहुमत के बहुत निकट रहेगी।
By: फ्यूचर पाॅइन्ट
15-Feb-2017
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चाचाजी बंसल परिवार के परम श्रद्धेय, पूज्यनीय तथा सर्वस्व गुरुरूप ही थे।
By: पूर्णोत्तम दीक्षित
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क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो का नाम लेते ही एक ऐसे भव्य लौहपुरूष का चेहरा आंखों के सामने उभर आता है, जो न सिर्फ क्यूबा में वरन पूरे लैटिन अमेरिका में भ्रष्ट पूंजीवादी व्यवस्था के खिलाफ क्रांति के अग्रदूत बनकर सामने आए। आइए जानने का प्रयास करते हैं फिदेल अलेक्जेण्ड्रो कास्त्रो के जीवन को ग्रहों के माध्यम से।
By: शरद त्रिपाठी
15-Oct-2016
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बाबा राम देव ने योग की शिक्षा देने के साथ-साथ, विदेशों में जमा काले धन को वापस भारत में लाने तथा उस धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने के लिए जो सत्याग्रह पूरे देश में छेड़ा है
By: उमाधर बहुगुणा
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बाराक ओबामा की कुंडली में ऐसा क्या है जिसके कारण आज इन्हें संसार के सर्वाधिक ताकतवर व्यक्तित्व के रूप में जाना जाता है। क्या है दशम भाव स्थित सूर्य व बुध के कारण? आइए जानें प्रस्तुत आलेख में ......
By: यशकरन शर्मा
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वर्ष 2016 बाॅलीवुड के लिए विशेष रहा। इस साल की कुछ सफल फिल्में हाऊसफुल 3 (अक्षय कुमार स्टारर), एयरलिफ्ट (अक्षय कुमार स्टारर), बागी (टाईगर श्राॅफ), नीरजा (सोनम कपूर), बाजीराव मस्तानी (रणबीर सिंह व दीपिका पादुकोण), फैन (शाहरुख खान) और सबसे सुपर हिट मूवी सुल्तान (सलमान खान) रही। नववर्ष 2017 का सूरज किरणें बिखेरने ही वाला है। जब 2016 की अंतिम रात्रि अर्थात् 2017 की पूर्व संध्या पर सारा बाॅलीवुड सांसंे थामे आने वाले वर्ष का इंतजार कर रहा होगा कि 2017 का नया साल बाॅलीवुड जगत की किस हस्ती को अर्श से फर्श और किसे फर्श से अर्श पर लेकर आएगा। आने वाला 2017 नाम, सफलता की रोशनी से किस स्टार को चकाचैंध करेगा और किसे 100 करोड़ के क्लब में शामिल होने के लिए अभी और प्रतीक्षा कराएगा। नए साल की दस्तक सिने जगत के हीरो-हीरोईनों के लिए कैसी रहेगी। आईये जानें कि नये साल में किस सितारे के तारे कैसे रहने वाले हैं?
15-Jan-2017