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किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्यू देते हैं.
By: AIFAS
19-Aug-2025
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क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.
12-Aug-2025
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People stand out even when they don't mean to. They lead. They take charge. They are very bright everywhere they go. Often, these people are born with something special. That special thing could be their birth number.
30-Jul-2025
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राहु आलस्य, अस्थिरता, स्थावर संपत्ति, योगाभ्यास, उदर रोग, वाहन, जन नेता, विधान/लोक सभा पद, कूटनीति, राजदूत आदि का कारक है। 3, 6, 11 भावों में यह कारक ग्रह है। नवग्रहों में राहु एक छाया ग्रह है। राहु से पितामह का विचार किया जाता है। प्रस्तुत है द्वादश भावों में राहु की स्थिति का फल -
By: अमित कुमार राम
01-Jan-2014
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आधुनिक भौतिकवादी विश्व में प्रत्येक मनुष्य धनी, सुखी एवं हर प्रकार से संपन्न जीवन जीने की कल्पना करता है तथा उसकी यह आकांक्षा होती है की उसे वे सभी विलासितापूर्ण सुख-सुविधाएँ प्राप्त हो।
By: मनोज कुमार
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बाॅलीवुड में यूं तो कई नायकों का दौर आया और गया, लेकिन जो छवि देवानंद ने अपने चाहने वालों के दिल में छोड़ी वह आज भी बरकरार है। वे जब तक जीवित रहे सिनेमा के प्रति समर्पित रहे। उनका मानना था कि जिंदगी की हर सुबह एक नया पन्ना खोलती है और इसी खूबसूरत ख्याल के साथ वे 88 वर्ष तक जिंदगी का साथ निभाते रहे।
By: शरद त्रिपाठी
15-Aug-2015
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अनेक स्थानों से अनेक पंचांग निकलते हैं। प्रत्येक में तिथिमान श्न्नि-श्न्नि होते हैं।
By: आभा बंसल
04-Sep-2004
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ग्रहों की अपनी दशा एवं अंतर्दशा में स्वाभाविक फल नहीं मिलता: लघुपाराशरी के श्लोक 29 में एक सामान्य नियम का निर्देश दिया गया है कि सभी ग्रह अपनी दशा एवं अपनी ही अंतर्दशा के समय में अपना आत्मभावानुरूपी या स्वाभाविक फल नहीं देते।
By: फ्यूचर पाॅइन्ट
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पिछले लेख में बतलाया गया है कि पापी, मारक एवं पूरक ग्रह निरंकुश होते हैं। इनकी निरंकुशता को नियमानुकूल बनाने के लिए अपवाद नियमों का लघुपाराशरी में प्रतिपादन किया गया है। क्योंकि शास्त्र परस्पर विरोधी तत्वों एवं तथ्यों को समन्वय के सूत्र से बांध कर अनुशासित करता है। अतः प्रत्येक नियम, वाद एवं सिद्धांत का अपवाद भी होता है।
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मिश्रफल: साधारण दृष्टि से मिश्रफल का अर्थ होता है मिलाजुला या मिश्रित फल। यदि मिश्रफल का अर्थ मिलाजुला या मिश्रित फल मान लिया जाए तो इस अध्याय की श्लोक संख्या 37, 38, 39, 40 एवं 41 में केवल श्लोक संख्या 38 में एक स्थान पर ‘भवन्ति मिश्रफलदा’ वाक्यांश मिश्रित या मिलेजुले फल का प्रतिपादक है और इस वाक्यांश को छोड़कर इस पूरे अध्याय में कहीं भी मिश्रफल की चर्चा नहीं मिलती।
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भारतीय ज्योतिष शास्त्र में फल शब्द कर्मफल का वाचक एवं बोधक है। क्योंकि कर्मफल वर्तमान जीवन में उसके घटनाचक्र के रूप में घटित होते हैं, अतः जीवन में घटित होने वाली घटनाओं को अथवा जीवन के घटनाचक्र को भी फल कहते हैं।
By: सुखदेव शर्मा
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भारतीय ज्योतिष में मान, सम्मान, समृद्धि कारक योगों में ‘गजकेसरी योग’ का विशिष्ट स्थान है। यह योग बृहस्पति और चंद्रमा की परस्पर केंद्र स्थिति से बनता है (केंद्र स्थिते देवगुरौ) मृगांकात योस्तदाहुगर्जकेसरीति। जातक परिजात, ;टप्प्ए प्प्6 द्ध लगभग 30 प्रतिशत कुंडलियों में यह योग पाया जाता है।
By: सीताराम सिंह
15-Apr-2015
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आदि ग्रंथों में दस महाविद्याओं का उल्लेख किया गया है जो विभिन्न शक्तियों की दाता हैं।
By: डॉ. अरुण बंसल
01-Oct-2012
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हर व्यक्ति के जीवन में कुछ सपने होते हैं और उन सपनों को पूरा करने की चाह में वह दिन रात एक कर देता है क्योंकि ये सपने, ये आकांक्षाएं ही हमें कुछ कर गुजरने की प्रेरणा देते हैं और जब हम अपनी मंजिल पा लेते हैं तो लगता है कि पूरा जहां हमारी मुट्ठी में आ गया । लेकिन कभी-कभी अपनी मंजिल पा कर भी हम खुश नहीं हो पाते तो जीवन अर्थहीन सा लगने लगता है। जीवन में एक पड़ाव या एक मंजिल ही सबकुछ नहीं होता और जिंदगी रूकती नहीं क्योंकि मंजिलें और भी हैं।
15-Dec-2014
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लाल किताब में दान देने के उपायों के विषय में कुछ नियम निश्चित किए गए हैं। दान करना या दान लेना जातक के लिए हानिकारक भी हो सकता है। यह अपने आप में एक अलग विचार लाल किताब का है जबकि आमतौर पर भारतीय संस्कृति में दान का बड़ा महत्त्व कहा गया है।
15-Oct-2015