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Life Path Number 1 is the number of strength, courage and new beginning. Want to know if you are born to be a leader? Then this is your number. You do not wait, you act.
By: AIFAS
18-Jun-2025
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Tarot is a powerful tool. It helps people understand life, feelings, and choices. Many people read cards for themselves. That’s a good thing.
03-Jun-2025
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Tarot’s Suit of Wands concerns energy, movement, and expansion. It brings to light your passion and drive inside to move you towards love, professional success, and self-improvement.
16-May-2025
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1. व्यापार वृद्धि के लिए शनिवार को छोड़कर किसी भी दिन एक पीपल का पत्ता लेकर गंगाजल से धोकर, उस पर तीन बार ‘ऊँ’ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ लिख कर, पत्ते को पूजा स्थल पर रख लें, उसकी आराधना करें। नित्य धूप, अगरबत्ती की धूनी दें, तो ईश्वर की कृपा से सब बाधायें दूर हो, निरंतर व्यापार वृद्धि शुरू हो जायेगी।
By: अमित कुमार राम
15-Dec-2015
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वर्ष का पूर्वार्ध आपके कार्य व्यवसाय के लिए खुशखबरी लेकर आने वाला हैं। इस वर्ष आप चाहे तो अपनी नौकरी या व्यवसाय को परिवर्तित भी कर सकते हैं।
By: विनय गर्ग
01-Jan-2014
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ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 17 अक्तूबर को 18 बजकर 10 मिनट पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 18 अक्तूबर को 13 बजकर 48 मिनट पर वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा।
By: रिपन गुलाटी
15-Nov-2014
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ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 16 जुलाई को 21 बजकर 52 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 14 जुलाई को 8 बजकर 45 मिनट पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेगा। बुध 1 जुलाई को 4 बजकर 6 मिनट पर उदय होगा और इस दिन 18 बजकर 19 मिनट पर वक्री गति से मार्गी गति से गोचर करेगा। 29 जुलाई को बुध 5 बजकर 39 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा।
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ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 15 मई को 4 बजकर 27 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 20 मई को 7 बजकर 1 मिनट पर वक्री से मार्गी गति में गोचर करेगा और मासभर कन्या राशि में बना रहेगा। बुध 4 मई को 22 बजकर 6 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। बुध 23 मई को 2 बजकर 23 मिनट पर वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। गुरु मासभर मिथुन राशि में गोचर करेगा। शुक्र 24 मई को 4 बजकर 59 मिनट पर मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेगा। राहु मासभर तुला राशि व केतु मासभर मेष राशि में गोचर करेगा। शनि मासभर तुला राशि में गोचर करेगा।
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्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 14 मई को 22 बजकर 21 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 23 मई को 9 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। बुध 13 मई को 8 बजकर 39 मिनट पर मेष रोश से वृष में प्रवेश करेगा।
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ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 7 जुलाई को 4 बजकर 2 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेगा। बुध 5 जुलाई को 12 बजकर 18 मिनट पर वृष राशि से मिथुन राशि में गोचर करेगा। 20 जुलाई को 23 बजकर 2 मिनट पर बुध मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेगा। गुरु 14 जुलाई को 6 बजकर 25 मिनट पर कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेगा।
15-Aug-2015
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पूर्ण विधान से श्री यंत्र का पूजन जो एक बार भी कर ले, वह दिव्य देहधारी हो जाता है। दत्तात्रेय ऋषि एवं दुर्वासा ऋषि ने भी श्री यंत्र को मोक्षदाता माना है। इसका मुख्य कारण यह है कि मनुष्य शरीर की भांति, श्री यंत्र में भी 9 चक्र होते हैं। पहला चक्र मनुष्य शरीर में मूलाधार चक्र होता है। शरीर में यह रीढ़ की हड्डी के सबसे नीचे के भाग में, गुदा और लिंग के मध्य में है। श्री यंत्र में यह अष्ट दल होता है। यह रक्त वर्ण पृथ्वी तत्व का द्योतक है। इसके देव ब्रह्मा हैं और यह लिंग स्थान के सामने है। श्री यंत्र में इसकी स्थिति चतुर्दशार चक्र में बनी होती है। यह जल तत्व का द्योतक है।
By: फ्यूचर पाॅइन्ट
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श्री चक्रस्वरूपी ललिता वास्तव नम्न मो हैमाद्रिस्ये शिव शक्ति नमः श्रीपुर गते। नमः पद्माव्यां कुतुकिनिनमो रत्र गृहगे।। नमः श्री चक्रस्थ खिलमये नमो बिंदु विलये। नमः कामेशांक स्थिति मति नमस्ते य ललिते।। श्री वैभव समृद्धि अर्थ प्रदायक मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर मनवांछित फल प्राप्ति हेतु आराधना का सहज एवं सुलभ योग महापर्व लक्ष्मी पूजा दीपावली समय का है।
By: बाबुलाल शास्त्री
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श्री यंत्र को यंत्रों का राजा कहा जाता है। सिद्ध श्री यंत्र की गुरु दीक्षा से प्राप्त मंत्र द्वारा शुभ मुहूर्त में विधिवत् उपासना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चतुर्विध पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है।
By: मितु सहगल
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भागवतम के अनुसार भोग-विलास का फल इन्द्रियों को तृप्त करना नहीं है, उसका प्रयोजन है केवल जीवन निर्वाह। जीवन का फल भी तत्त्व जिज्ञासा है, बहुत कर्म करके स्वर्गादि प्राप्त करना उसका फल नहीं है। शास्त्रीय ज्ञान के विपरीत, वर्तमान युग में मनुष्य आर्थिक समृद्धि को ही जीवन का सार और कर्मों का फल मानता है। फलस्वरूप, वैध-अवैध साधनों द्वारा धन संग्रह करने के लिए लालायित एवं प्रयासरत रहता है।
By: सुशील अग्रवाल
15-Oct-2017
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शरीर एवं मन के रोगों की शांति से लेकर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने या स्तंभन करने के लिए भारतीय वेद शास्त्रों में अनेक प्रकार के अनुष्ठानों का वर्णन है। प्रसतुत लेख में षट्कर्म साधना क्रिया की विधि व विभिन्न कार्यों के लिए कौन सा मंत्र एवं यंत्र उपयोग में लाना चाहिए का विवरण किया गया है।
By: डॉ. अरुण बंसल
01-Aug-2010