View:3257
आपका नाम सिर्फ़ पहचान नहीं, बल्कि आपकी रोज़मर्रा की ऊर्जा का हिस्सा है। कई बार हम महसूस करते हैं कि मेहनत के बावजूद चीज़ें हमारे पक्ष में नहीं होतीं।
By: AIFAS
22-Aug-2025
View:2849
किसी के लिए भी जिंदगी आसान नहीं होती है। किसी को शादी में परेशानियां आती हैं, तो किसी का करियर खराब चल रहा होता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके लिए नौकरी मिलना ही एक सपने की तरह हो जाता है। वो बार-बार इंटरव्यू देते हैं.
19-Aug-2025
View:3139
क्या आपकी जिंदगी में परेशानी चल रही है? क्या आप अपने करियर में परेशान हैं? अगर हां तो हो सकता आपके जीवन में राहु का प्रभाव हो। रिश्ते हों या स्वास्थ्य, कुछ ऐसा अजीब चल रहा है.
12-Aug-2025
View:12999
1. व्यापार वृद्धि के लिए शनिवार को छोड़कर किसी भी दिन एक पीपल का पत्ता लेकर गंगाजल से धोकर, उस पर तीन बार ‘ऊँ’ नमो भगवते वासुदेवाय नमः’ लिख कर, पत्ते को पूजा स्थल पर रख लें, उसकी आराधना करें। नित्य धूप, अगरबत्ती की धूनी दें, तो ईश्वर की कृपा से सब बाधायें दूर हो, निरंतर व्यापार वृद्धि शुरू हो जायेगी।
By: अमित कुमार राम
15-Dec-2015
View:10085
वर्ष का पूर्वार्ध आपके कार्य व्यवसाय के लिए खुशखबरी लेकर आने वाला हैं। इस वर्ष आप चाहे तो अपनी नौकरी या व्यवसाय को परिवर्तित भी कर सकते हैं।
By: विनय गर्ग
01-Jan-2014
View:8064
ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 17 अक्तूबर को 18 बजकर 10 मिनट पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 18 अक्तूबर को 13 बजकर 48 मिनट पर वृश्चिक राशि से धनु राशि में प्रवेश करेगा।
By: रिपन गुलाटी
15-Nov-2014
View:8577
ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 16 जुलाई को 21 बजकर 52 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 14 जुलाई को 8 बजकर 45 मिनट पर कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करेगा। बुध 1 जुलाई को 4 बजकर 6 मिनट पर उदय होगा और इस दिन 18 बजकर 19 मिनट पर वक्री गति से मार्गी गति से गोचर करेगा। 29 जुलाई को बुध 5 बजकर 39 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश करेगा।
View:7970
्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 14 मई को 22 बजकर 21 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 23 मई को 9 बजकर 13 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। बुध 13 मई को 8 बजकर 39 मिनट पर मेष रोश से वृष में प्रवेश करेगा।
View:7648
ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 15 मई को 4 बजकर 27 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। मंगल 20 मई को 7 बजकर 1 मिनट पर वक्री से मार्गी गति में गोचर करेगा और मासभर कन्या राशि में बना रहेगा। बुध 4 मई को 22 बजकर 6 मिनट पर मेष राशि से वृष राशि में प्रवेश करेगा। बुध 23 मई को 2 बजकर 23 मिनट पर वृष राशि से मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। गुरु मासभर मिथुन राशि में गोचर करेगा। शुक्र 24 मई को 4 बजकर 59 मिनट पर मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश करेगा। राहु मासभर तुला राशि व केतु मासभर मेष राशि में गोचर करेगा। शनि मासभर तुला राशि में गोचर करेगा।
View:6021
ग्रहों की गोचर स्थिति सूर्य 7 जुलाई को 4 बजकर 2 मिनट पर मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेगा। बुध 5 जुलाई को 12 बजकर 18 मिनट पर वृष राशि से मिथुन राशि में गोचर करेगा। 20 जुलाई को 23 बजकर 2 मिनट पर बुध मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करेगा। गुरु 14 जुलाई को 6 बजकर 25 मिनट पर कर्क राशि से सिंह राशि में प्रवेश करेगा।
15-Aug-2015
View:11930
पूर्ण विधान से श्री यंत्र का पूजन जो एक बार भी कर ले, वह दिव्य देहधारी हो जाता है। दत्तात्रेय ऋषि एवं दुर्वासा ऋषि ने भी श्री यंत्र को मोक्षदाता माना है। इसका मुख्य कारण यह है कि मनुष्य शरीर की भांति, श्री यंत्र में भी 9 चक्र होते हैं। पहला चक्र मनुष्य शरीर में मूलाधार चक्र होता है। शरीर में यह रीढ़ की हड्डी के सबसे नीचे के भाग में, गुदा और लिंग के मध्य में है। श्री यंत्र में यह अष्ट दल होता है। यह रक्त वर्ण पृथ्वी तत्व का द्योतक है। इसके देव ब्रह्मा हैं और यह लिंग स्थान के सामने है। श्री यंत्र में इसकी स्थिति चतुर्दशार चक्र में बनी होती है। यह जल तत्व का द्योतक है।
By: फ्यूचर पाॅइन्ट
View:7467
श्री चक्रस्वरूपी ललिता वास्तव नम्न मो हैमाद्रिस्ये शिव शक्ति नमः श्रीपुर गते। नमः पद्माव्यां कुतुकिनिनमो रत्र गृहगे।। नमः श्री चक्रस्थ खिलमये नमो बिंदु विलये। नमः कामेशांक स्थिति मति नमस्ते य ललिते।। श्री वैभव समृद्धि अर्थ प्रदायक मां लक्ष्मी को प्रसन्न कर मनवांछित फल प्राप्ति हेतु आराधना का सहज एवं सुलभ योग महापर्व लक्ष्मी पूजा दीपावली समय का है।
By: बाबुलाल शास्त्री
View:9335
श्री यंत्र को यंत्रों का राजा कहा जाता है। सिद्ध श्री यंत्र की गुरु दीक्षा से प्राप्त मंत्र द्वारा शुभ मुहूर्त में विधिवत् उपासना से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चतुर्विध पुरुषार्थों की प्राप्ति होती है।
By: मितु सहगल
View:10376
भागवतम के अनुसार भोग-विलास का फल इन्द्रियों को तृप्त करना नहीं है, उसका प्रयोजन है केवल जीवन निर्वाह। जीवन का फल भी तत्त्व जिज्ञासा है, बहुत कर्म करके स्वर्गादि प्राप्त करना उसका फल नहीं है। शास्त्रीय ज्ञान के विपरीत, वर्तमान युग में मनुष्य आर्थिक समृद्धि को ही जीवन का सार और कर्मों का फल मानता है। फलस्वरूप, वैध-अवैध साधनों द्वारा धन संग्रह करने के लिए लालायित एवं प्रयासरत रहता है।
By: सुशील अग्रवाल
15-Oct-2017
View:31721
शरीर एवं मन के रोगों की शांति से लेकर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने या स्तंभन करने के लिए भारतीय वेद शास्त्रों में अनेक प्रकार के अनुष्ठानों का वर्णन है। प्रसतुत लेख में षट्कर्म साधना क्रिया की विधि व विभिन्न कार्यों के लिए कौन सा मंत्र एवं यंत्र उपयोग में लाना चाहिए का विवरण किया गया है।
By: डॉ. अरुण बंसल
01-Aug-2010